*लोहाघाट में आपदा प्रबंधन का मास्टर क्लास: दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न* ।

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मानेश्वर समाचार।

चंपावत 21 अगस्त 2025

*लोहाघाट में आपदा प्रबंधन का मास्टर क्लास: दो दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न*

डॉ. आर. एस. टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी (यूएसए) नैनीताल के तत्वावधान में तथा अकादमी के महानिदेशक श्री जी.बी. पांडे के निर्देशन में खंड विकास कार्यालय लोहाघाट में दो दिवसीय आपदा प्रबंधन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आपदाओं से होने वाले संभावित नुकसान को कम करना और समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना था।इस प्रशिक्षण में विकासखंड लोहाघाट के 55 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक, पुलिसकर्मी, होमगार्ड, पीआरडी जवान एवं विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।प्रशिक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। डॉ. मंजू पांडे ने आपदा प्रबंधन के वैज्ञानिक दृष्टिकोण, भूकंप एवं अग्नि सुरक्षा उपायों पर विस्तृत व्याख्यान दिया और आपदा पूर्व तैयारी तथा पुनर्वास कार्यों की महत्ता पर प्रकाश डाला।चिकित्सा अधिकारी डॉ. गौरांग जोशी ने प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) और आपात स्थितियों में त्वरित स्वास्थ्य सेवाओं पर जानकारी दी। वहीं अग्निशमन अधिकारी श्री लक्ष्मण सिंह ने आगजनी और वनाग्नि नियंत्रण के व्यावहारिक उपायों को साझा किया।दूसरे दिन इंट्रेस्टिंग क्लाइंबर एंड एक्सप्लोरर संस्था के विशेषज्ञों ने खोज एवं बचाव तकनीकों का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों को निकासी उपकरणों के उपयोग, रेस्क्यू ऑपरेशन की विधियों और आपदा की स्थिति में सामुदायिक सहयोग की महत्ता पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। केस स्टडीज के माध्यम से प्रतिभागियों को प्राकृतिक और मानवकृत आपदाओं के प्रभावों तथा उनसे निपटने की रणनीतियों से अवगत कराया गया।इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी श्री कविंद्र सिंह रावत और सहायक खंड विकास अधिकारी श्री आर.सी. जोशी सहित अन्य अधिकारी एवं स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि “आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह जीवनरक्षक पहल है। यदि स्थानीय स्तर पर लोग जागरूक और प्रशिक्षित हों, तो आपदा के समय जन-धन की हानि को काफी हद तक रोका जा सकता है।”

Jaya punetha editor in chief ।

Jaya Punetha

Editor in Cheif (प्रधान संपादक)